क्या आप जानते हैं कि रुद्राक्ष के प्रकार और लाभ आपकी ज़िंदगी को सकारात्मक दिशा में बदल सकते हैं? ये छोटे-छोटे बीज केवल देखने में सामान्य लगते हैं, लेकिन इनमें बहुत गहरा आध्यात्मिक बल होता है।
रुद्राक्ष पहनने से मानसिक शांति मिलती है, मन शांत रहता है, और तनाव कम होता है।
अगर आप करियर या रिश्तों से जुड़ी परेशानियों तो सही रुद्राक्ष पहनना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। रुद्राक्ष के प्रकार और लाभ समझने से आपको सही चुनाव करने में आसानी होगी।
व्यक्तित्व और राशिचक्र के अनुसार कौन-सा मनका सबसे अनुकूल है।
रुद्राक्ष क्या है?
रुद्राक्ष का मतलब है भगवान शिव की आंखें। पुराणों के अनुसार जब भगवान शिव ने संसार की दुखी अवस्था देखी, तो उनकी आंखों से आंसू गिरे। ये आंसू ही धरती पर रुद्राक्ष के पेड़ बन गए।
वैज्ञानिक नजरिए से देखें तो रुद्राक्ष एक बीज है जो हिमालय की पहाड़ियों में उगने वाले पेड़ से आता है। इसमें प्राकृतिक चुंबकीय शक्ति होती है जो हमारे शरीर पर सकारात्मक प्रभाव डालती है। इसलिए रुद्राक्ष के प्रकार और लाभ जानना हर व्यक्ति के लिए जरूरी है।
रुद्राक्ष के प्रकार और उनके दिव्य लाभ:
रुद्राक्ष के प्रकार और लाभ के आधार पर ही हर मुख अलग प्रभाव देता है।
एक मुखी रुद्राक्ष
यह सबसे खास और दुर्लभ रुद्राक्ष होता है। इसे भगवान शिव का प्रतीक माना गया है। जो लोग बिजनेस करते हैं या बड़ी पोस्ट पर काम करते हैं, उनके लिए यह बहुत फायदेमंद होता है।
दो मुखी रुद्राक्ष
यह अर्धनारीश्वर का प्रतीक है। पति-पत्नी के बीच प्यार बढ़ाने और झगड़े कम करने में मदद करता है। गौरी शंकर रुद्राक्ष भी इसी तरह रिश्तों के लिए फायदेमंद है।
तीन मुखी रुद्राक्ष
अग्नि देवता का प्रतीक होता है। यह बीते हुए पापों को मिटाता है और नए जीवन की शुरुआत में मदद करता है। खासकर स्टूडेंट्स के लिए बहुत अच्छा है। 3 मुखी रुद्राक्ष से पढ़ाई में फोकस बढ़ता है।स्टूडेंट्स के लिए यह एक बेहतरीन उदाहरण है कि रुद्राक्ष के प्रकार और लाभ कैसे जीवन पर असर डालते हैं।
चार मुखी रुद्राक्ष
यह ब्रह्मा जी से जुड़ा हुआ है। यह बुद्धि और ज्ञान बढ़ाने में मदद करता है।
पांच मुखी रुद्राक्ष
यह सबसे आम और ज़्यादा पहना जाने वाला रुद्राक्ष है। यह कालाग्नि रुद्र का प्रतीक है। यह शरीर की बीमारियों से बचाव करता है और मन को शांत करता है। 5 मुखी रुद्राक्ष सभी उम्र के लोगों के लिए उपयुक्त है। चाहें तो आप इसे 5 मुखी रुद्राक्ष ब्रेसलेट या तुलसी ब्रेसलेट में भी पहन सकते हैं।रुद्राक्ष के प्रकार और लाभ में यह सबसे ज्यादा लोकप्रिय और उपयोगी रुद्राक्ष माना गया है।
छह मुखी रुद्राक्ष
यह भगवान कार्तिकेय से जुड़ा होता है। यह व्यापार में तरक्की दिलाता है।
सात मुखी रुद्राक्ष
इसमें देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद माना जाता है। यह धन से जुड़ी समस्याओं को दूर करता है। 7 मुखी नेपाली ओरिजिन रुद्राक्ष सिल्वर कैप्ड या 7 मुखी रुद्राक्ष ब्रेसलेट बहुत लाभदायक होते हैं।
आठ मुखी रुद्राक्ष
यह गणेश जी का प्रतीक होता है। यह हर काम में रुकावटें हटाने और नए काम की शुरुआत में मदद करता है। नेपाल ओरिजिन 8 मुखी रुद्राक्ष और गणेश मुखी रुद्राक्ष इस काम में सहायक हैं। रुद्राक्ष के प्रकार और लाभ के अनुसार यह बाधाएं हटाने में प्रमुख भूमिका निभाता है।
नौ मुखी रुद्राक्ष
देवी दुर्गा की कृपा पाने के लिए यह बहुत अच्छा है। यह डर, चिंता और कमजोरी को हटाता है। नेपाल ओरिजिन 9 मुखी रुद्राक्ष से आत्मविश्वास बढ़ता है।
दस मुखी रुद्राक्ष
भगवान विष्णु से जुड़ा होता है। यह सही और गलत के बीच फर्क समझने में मदद करता है। नेपाल ओरिजिन 10 मुखी रुद्राक्ष कानूनी मामलों या झगड़ों में काम आता है।
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष
यह एकादश रुद्र का रूप है। यह योग, ध्यान और साधना में सहायता करता है। नेपाल ओरिजिन 11 मुखी रुद्राक्ष आत्मिक विकास के लिए उपयोगी है। योग-साधना में रुचि रखने वालों के लिए रुद्राक्ष के प्रकार और लाभ बहुत मददगार साबित होते हैं।
बारह मुखी रुद्राक्ष
सूर्य देवता से जुड़ा होता है। इससे नेतृत्व की शक्ति बढ़ती है। यह नेता, अधिकारी और राजनीति से जुड़े लोगों के लिए अच्छा है। नेपाल ओरिजिन 12 मुखी रुद्राक्ष खासकर उनके लिए है जो टीम लीड करते हैं।
तेरह मुखी रुद्राक्ष
कामदेव से जुड़ा यह रुद्राक्ष मन की इच्छाओं को पूरा करता है। यह आकर्षण शक्ति को भी बढ़ाता है। नेपाल ओरिजिन 13 मुखी रुद्राक्ष प्यार और कामना की पूर्ति के लिए बहुत अच्छा माना गया है। रुद्राक्ष के प्रकार और लाभ समझकर लोग अपने निजी जीवन में बदलाव महसूस करते हैं।
चौदह मुखी रुद्राक्ष
हनुमान जी का प्रतीक। यह साहस, शक्ति और सुरक्षा प्रदान करता है। दुश्मनों से रक्षा करता है और आत्मबल को बढ़ाता है।
पंद्रह मुखी रुद्राक्ष
पशुपति नाथ से जुड़ा यह रुद्राक्ष व्यापार में लाभ और भाग्य में सुधार लाता है। यह उन लोगों के लिए बहुत अच्छा है जो अपनी किस्मत बदलना चाहते हैं।
सोलह मुखी रुद्राक्ष
महाकाल के रूप में यह मृत्यु के भय को हटाता है। यह लंबी उम्र और सुरक्षा प्रदान करता है। रुद्राक्ष के प्रकार और लाभ में यह मृत्यु के भय को खत्म करने वाला माना गया है।
सत्रह मुखी रुद्राक्ष
विश्वकर्मा भगवान का प्रतीक। यह क्रिएटिव फील्ड जैसे आर्ट, डिजाइन या टेक्निकल काम करने वालों के लिए उपयोगी है।
अठारह मुखी रुद्राक्ष
भूमि देवी से जुड़ा हुआ यह रुद्राक्ष जमीन और प्रॉपर्टी से जुड़े कामों में फायदा देता है। रियल एस्टेट वालों के लिए उत्तम है।
उन्नीस मुखी रुद्राक्ष
भगवान नारायण का प्रतीक। यह सभी बाधाओं को दूर करता है और हर तरह का सुख प्रदान करता है। अगर आप अपने जीवन की हर समस्या से लड़ना चाहते हैं, तो रुद्राक्ष के प्रकार और लाभ जानना बेहद जरूरी है।
बीस मुखी रुद्राक्ष
यह ब्रह्मा जी से जुड़ा है और गहरा ज्ञान व समझ देता है। आध्यात्मिक उन्नति के लिए यह बहुत अच्छा माना जाता है।
इक्कीस मुखी रुद्राक्ष
कुबेर भगवान का प्रतीक। यह धन, वैभव और सुख की प्राप्ति कराता है। यह सबसे महंगा और दुर्लभ माना जाता है।
असली रुद्राक्ष की पहचान और धारण के नियम:
असली रुद्राक्ष की पहचान करना बहुत जरूरी है, वरना उसका कोई फायदा नहीं होता। नकली रुद्राक्ष सिर्फ दिखावे के लिए होता है, असर नहीं करता।
कैसे पहचानें असली रुद्राक्ष:
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असली रुद्राक्ष को पानी में डालो, तो वह डूब जाता है।
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इसकी सतह पर पतली-पतली प्राकृतिक रेखाएं होती हैं।
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छूने पर हल्का खुरदरा लगेगा, चिकना नहीं।
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दो तांबे के सिक्कों के बीच रखने पर इसमें थोड़ी चुंबकीय शक्ति महसूस होती है।
धारण करने के आसान नियम:
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सोमवार के दिन पहनना सबसे शुभ माना जाता है।
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पहनने से पहले गंगाजल से धोकर "ॐ नमः शिवाय" का जाप जरूर करें।
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इसे हमेशा साफ रखें और गंदी जगहों पर न पहनें।
सुनीता को पहले रुद्राक्ष पर यकीन नहीं था। लेकिन जब उसने सही तरीके से 7 मुखी रुद्राक्ष पहना, तो कुछ ही महीनों में घर की आर्थिक हालत सुधरने लगी। आज रुद्राक्ष ब्रेसलेट फॉर वुमेन और मेनआसानी से ऑनलाइन मिल जाते हैं।
इन नियमों का पालन करने से ही रुद्राक्ष के प्रकार और लाभ का वास्तविक असर मिल सकता है।
रुद्राक्ष माला का जप और सिद्धि विधि:
रुद्राक्ष की माला से मंत्र जाप करना बहुत ही शुभ और शक्तिशाली माना जाता है। आमतौर पर इसमें 108 दाने होते हैं।
जाप करने का तरीका:
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सुबह नहाकर साफ कपड़े पहनें।
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शांति से किसी एक जगह बैठें।
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माला को अपने दाहिने हाथ में लें।
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अंगूठे और मध्यमा अंगुली से माला के दाने घुमाएं।
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तर्जनी अंगुली का उपयोग न करें।
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हर दाने पर "ॐ नमः शिवाय" बोलें।
सिद्धि पाने के लिए:
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रोज़ाना 40 दिन तक नियम से जाप करें।
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सात्विक खाना खाएं।
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गुस्से और बुरे विचारों से दूर रहें।
- दूसरों की मदद करें — इससे पुण्य भी बढ़ता है।
मंत्र जाप करते समय भी रुद्राक्ष के प्रकार और लाभ ध्यान में रखकर सही माला चुनना फायदेमंद रहता है।
निष्कर्ष:
रुद्राक्ष सिर्फ एक गहना नहीं होता, यह हमारे जीवन का एक शक्तिशाली आध्यात्मिक साथी होता है। हर इंसान की जरूरत अलग होती है—कोई करियर में आगे बढ़ना चाहता है, तो कोई रिश्तों या सेहत में सुधार चाहता है। लेकिन रुद्राक्ष का असर तभी दिखता है जब उसे सही तरीके से, सही भावना और सच्चे मन से पहना जाए।
आजकल रुद्राक्ष ब्रेसलेट कई फैशनेबल डिज़ाइनों में मिलते हैं—जैसे गोल्ड प्लेटेड रुद्राक्ष ब्रेसलेट, क्रिस्टल ब्रेसलेट और लावा स्टोन वाले ब्रेसलेट। लेकिन सिर्फ डिज़ाइन देखकर न चुनें। इसलिए रुद्राक्ष के प्रकार और लाभ को जानकर ही सही चुनाव करें।
आप असली और ऊर्जित रुद्राक्ष ब्रेसलेट्स के लिए Astrotalk स्टोर पर भी भरोसा कर सकते हैं, जहां हर जरूरत के अनुसार विकल्प मौजूद हैं। तभी रुद्राक्ष के प्रकार और लाभ जीवन में असर दिखा पाते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1.किस राशि को कौन सा रुद्राक्ष पहनना चाहिए?
मेष और वृश्चिक राशि वालों को 3 या 9 मुखी, वृषभ और तुला को 6 मुखी, मिथुन और कन्या को 4 मुखी, कर्क को 2 मुखी, सिंह को 12 मुखी, धनु और मीन को 5 मुखी, मकर और कुंभ को 7 या 14 मुखी रुद्राक्ष पहनना चाहिए।
2.कौन सा रुद्राक्ष अधिक शक्तिशाली है?
एक मुखी रुद्राक्ष सबसे शक्तिशाली माना जाता है क्योंकि ये भगवान शिव का प्रत्यक्ष रूप है। हालांकि, हर व्यक्ति के लिए अलग रुद्राक्ष सबसे अच्छा होता है। सामान्यतः 5 मुखी रुद्राक्ष सभी के लिए उपयुक्त है।
3.गले में कौन सा रुद्राक्ष पहनना शुभ माना जाता है?
गले में 5 मुखी रुद्राक्ष पहनना सबसे शुभ माना जाता है। ये सभी प्रकार की समस्याओं का समाधान करता है और मानसिक शांति देता है। नवविवाहित जोड़े 2 मुखी भी पहन सकते हैं जो रिश्तों में प्रेम बढ़ाता है।
4.अंक ज्योतिष के अनुसार कौन सा रुद्राक्ष धारण करना चाहिए?
अंक 1 वाले 1 या 12 मुखी, अंक 2 वाले 2 मुखी, अंक 3 वाले 3 मुखी, अंक 4 वाले 4 मुखी, अंक 5 वाले 5 मुखी, अंक 6 वाले 6 मुखी, अंक 7 वाले 7 मुखी, अंक 8 वाले 8 या 14 मुखी, अंक 9 वाले 9 मुखी रुद्राक्ष पहनना चाहिए।
5.रुद्राक्ष किस दिन पहनना शुभ माना जाता है?
सोमवार को रुद्राक्ष पहनना सबसे शुभ माना जाता है क्योंकि ये भगवान शिव का दिन है। इसके अलावा श्रावण मास, महाशिवरात्रि या प्रदोष के दिन भी पहन सकते हैं। पहनने से पहले गंगाजल से धोकर मंत्र जाप जरूर करें।