रुद्राक्ष पहनने के नियम आसान हैं लेकिन बहुत ज़रूरी भी। अगर आप इन पवित्र मनकों से सही लाभ लेना चाहते हैं तो इन्हें सही समय पर, सही तरीके से पहनना और ठीक से ध्यान रखना ज़रूरी होता है। जब आप रुद्राक्ष को सही ढंग से धारण करते हैं, तो इसके आध्यात्मिक और भौतिक फायदे आपके जीवन में बेहतर तरीके से काम करते हैं। रुद्राक्ष को कैसे पहने – इसके लिए आपको सही प्रक्रिया, शुभ समय और पवित्र मन का होना जरूरी है। ये पवित्र मनके बहुत शक्तिशाली ऊर्जा से भरे होते हैं, और नियमों का पालन करने से यह ऊर्जा सकारात्मक और मजबूत बनी रहती है।
पुराने ग्रंथ जैसे शिव पुराण और पद्म पुराण में भी रुद्राक्ष की महिमा का वर्णन किया गया है, खासकर उस रुद्राक्ष का जो एलायोकार्पस गेनिट्रस पेड़ से आता है और जो प्राकृतिक रूप से अरुण घाटी जैसे क्षेत्रों में उगता है। इसे पहनने से अनचाहे प्रभावों से भी सुरक्षा मिलती है।
इन नियमों को जानना और मानना आपके रिश्तों, करियर और मानसिक शांति को बेहतर बना सकता है। बहुत से आध्यात्मिक साधक नेपाली रुद्राक्ष या जावा रुद्राक्ष पहनते हैं ताकि उनकी साधना में गहराई आए और उनकी आध्यात्मिक यात्रा को समर्थन मिले। साथ ही, किसी जानकार ज्योतिषी से सलाह लेना भी फायदेमंद होता है, ताकि आप अपनी ज़रूरत के अनुसार सही रुद्राक्ष चुन सकें जो आपके जीवन में सफलता, खुशहाली और आध्यात्मिक विकास लेकर आए।
रुद्राक्ष पहनने के नियम क्या हैं?
- रुद्राक्ष एक पवित्र पेड़ से प्राप्त होते हैं और इनमें बहुत ताकत होती है। इसलिए इन्हें हमेशा पूरी श्रद्धा और सम्मान के साथ रखें, जैसे आप भगवान या किसी आशीर्वाद का सम्मान करते हैं।
- रोज़ाना रुद्राक्ष पहनने से आपके और इसके बीच एक मजबूत आध्यात्मिक जुड़ाव बनता है। खासकर पंचमुखी रुद्राक्ष माला को रोज़ पहनने से आपकी साधना में स्थिरता आती है और अंदर से बदलाव महसूस होता है। पंचमुखी रुद्राक्ष पहनने के नियमों में इसे सूर्योदय से पहले ब्रह्म मुहूर्त में पहनना प्रमुख है। इसलिए कोशिश करें कि इसे नियमित रूप से पहनें।
- साफ-सफाई बहुत ज़रूरी है। रुद्राक्ष माला या ब्रेसलेट को छूने से पहले अपने हाथ जरूर धोएं। आप रुद्राक्ष को गाय के दूध और तांबे के बर्तन में रखे पानी से साफ कर सकते हैं, और फिर किसी साफ कपड़े से धीरे-धीरे सुखा लें।
- रुद्राक्ष पहनकर मांसाहारी भोजन, शराब पीना, या शमशान, अस्पताल जैसे नेगेटिव जगहों पर जाना सही नहीं माना जाता। रुद्राक्ष पहनने के बाद क्या नहीं करना चाहिए – यह इसका स्पष्ट उदाहरण है। ऐसे समय में इसे न पहनें। यह रुद्राक्ष पहनने के बाद के नियमों में सबसे अहम माने जाते हैं।
- जब आप रुद्राक्ष पहनें तो अपना मन और सोच पॉजिटिव रखें। गुस्सा, जलन या नेगेटिव सोच रुद्राक्ष की शक्ति को कम कर सकती है।
- "ॐ नमः शिवाय" जैसे मंत्रों का जप करते हुए रुद्राक्ष पहनना इसे और प्रभावी बनाता है और आपको मानसिक शांति देता है। आप बीज मंत्र या अपने व्यक्तिगत रुद्राक्ष मंत्र का भी रोज़ जप कर सकते हैं, ताकि इसकी आध्यात्मिक ऊर्जा जाग्रत हो। 6 मुखी रुद्राक्ष पहनने के नियमों के तहत, 'ॐ ह्रीं नमः' मंत्र का जाप सबसे उपयुक्त माना जाता है।
- हर रुद्राक्ष को अलग तरह की देखभाल चाहिए। जैसे एकमुखी रुद्राक्ष या नेपाल से प्राप्त एकमुखी रुद्राक्ष बहुत दुर्लभ होता है, और इसे बहुत संभलकर रखना चाहिए। एक मुखी रुद्राक्ष पहनने के नियमों में इसे केवल विशेष पूजा के बाद और शुद्ध अवस्था में पहनने की सलाह दी जाती है।
- अगर आप नेपाल मूल की गौरी शंकर रुद्राक्ष जैसी शक्तिशाली रुद्राक्ष की जोड़ी पहनते हैं, तो अच्छे परिणाम के लिए धार्मिक नियमों का पालन ज़रूरी है। बेहतर प्रभाव के लिए इसे कच्चे रेशम, सूती धागे या सिल्क में पहनें — तांबे की चेन या मेटल की डोरी से नहीं — जैसा कि रुद्राक्ष दीक्षा परंपरा में बताया गया है।
रुद्राक्ष की माला कब पहननी चाहिए?
रुद्राक्ष को सही समय पर पहनना इसके प्रभाव और लाभ को बढ़ा देता है। रुद्राक्ष कैसे धारण करें – इसके लिए शुभ मुहूर्त और मानसिक शुद्धता का ध्यान रखना जरूरी होता है। सबसे अच्छा समय होता है ब्रह्म मुहूर्त में, यानी सूरज निकलने से करीब डेढ़ घंटा पहले, सोमवार की सुबह। रुद्राक्ष को कैसे पहने – इस सवाल का उत्तर है कि ब्रह्म मुहूर्त सबसे प्रभावशाली समय होता है। अगर आप रुद्राक्ष पहली बार पहन रहे हैं, तो अक्षय तृतीया जैसे शुभ दिन पर, सूर्योदय के समय, अपने पूजा स्थान पर घी का दीपक जलाकर इसे पहनना बहुत फलदायी माना जाता है। ऐसा करने से आपकी ऊर्जा ब्रह्मांड से जुड़ती है और आपके आध्यात्मिक विकास के साथ-साथ जीवन के लक्ष्यों में भी मदद मिलती है।
चंद्रमा की अलग-अलग कलाएं भी रुद्राक्ष की ऊर्जा पर असर डालती हैं। रुद्राक्ष रत्ना चक्र थेरेपी के अनुसार, चंद्रमा का प्रभाव रुद्राक्ष की शक्ति को आपके चक्र सिस्टम और आध्यात्मिक शुद्धता पर और बेहतर तरीके से काम करने में मदद करता है। जैसे कि, आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए अमावस्या पर नेपाल मूल का 3 मुखी रुद्राक्ष पहनें। ज्ञान और शिक्षा के लिए, पूर्णिमा के दिन नेपाल मूल का 6 मुखी रुद्राक्ष सबसे असरदार माना जाता है। 6 मुखी रुद्राक्ष पहनने के नियमों में इसे मंगलवार को ब्रह्म मुहूर्त में पहनने की सलाह दी जाती है। सही समय को लेकर ज्योतिषी से अपनी कुंडली की सलाह लेना भी फायदेमंद हो सकता है।
रोजाना रुद्राक्ष पहनने से आपकी ऊर्जा संतुलित रहती है। बहुत से लोग असली रुद्राक्ष की माला या फिर दिव्य रुद्राक्ष ब्रेसलेट विद लावा स्टोन जैसे ब्रेसलेट दिनभर पहनते हैं और केवल अशुद्ध कामों के दौरान ही उतारते हैं।
महाशिवरात्रि, एकादशी और सूर्य ग्रहण जैसे त्योहार रुद्राक्ष पहनने या बदलने के लिए बेहद शक्तिशाली समय माने जाते हैं। मौसम का भी असर होता है—गर्मी में नेपाल मूल का 4 मुखी रुद्राक्ष उपयुक्त होता है, वहीं सर्दी के मौसम में नेपाल मूल का 8 मुखी रुद्राक्ष बहुत लाभकारी होता है।
विशेष जरूरतों के लिए कौन सा रुद्राक्ष पहनें?
करियर के लिए सही रुद्राक्ष चुनना:
अगर आप अपने प्रोफेशन और लक्ष्य के अनुसार सही रुद्राक्ष पहनें, तो करियर में तरक्की मिल सकती है।
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बिज़नेस करने वालों के लिए: नेपाल मूल का 8 मुखी रुद्राक्ष सफलता को आकर्षित करता है और नेपाल मूल गणेश मुखी रुद्राक्ष हर अड़चन को दूर करता है।
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नौकरीपेशा लोगों के लिए: 7 मुखी रुद्राक्ष का ब्रेसलेट अच्छा नाम और सम्मान कमाने में मदद करता है। 7 मुखी रुद्राक्ष पहनने के नियमों में इसे सोमवार के दिन शुद्ध होकर धारण करना और शराब या मांस से दूर रहना शामिल है।
स्टूडेंट्स और नॉलेज-बेस्ड प्रोफेशन वालों के लिए:
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अगर आप पढ़ाई करते हैं या किसी ज्ञान आधारित प्रोफेशन में हैं, तो नेपाल मूल का 4 मुखी रुद्राक्ष ध्यान और याददाश्त बढ़ाने में सहायक होता है।
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लेखक, कलाकार या क्रिएटिव लोगों के लिए: नेपाल मूल का 3 मुखी रुद्राक्ष कल्पना शक्ति और खुद को एक्सप्रेस करने की क्षमता को बढ़ाता है।
स्टाइल और आध्यात्मिकता एक साथ:
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अगर आप मॉडर्न लुक के साथ आध्यात्मिक फील चाहते हैं, तो गोल्ड प्लेटेड रुद्राक्ष ब्रेसलेट्स पहन सकते हैं। ये स्टाइल के साथ-साथ पॉजिटिव एनर्जी भी देते हैं।
रिश्तों में सुधार के लिए:
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शादीशुदा कपल्स के लिए: नेपाल मूल गर्भ गौरी रुद्राक्ष पारिवारिक सुख और सामंजस्य को बढ़ाता है।
- सिंगल्स के लिए: नेपाल मूल का 6 मुखी रुद्राक्ष या फिर महिलाओं के लिए स्टाइलिश स्टेनलेस स्टील रुद्राक्ष ब्रेसलेट ट्राय कर सकते हैं। 6 मुखी रुद्राक्ष पहनने के नियमों में यह भी कहा गया है कि इसे पहनते समय कामुक विचारों से दूर रहना चाहिए।
अच्छी सेहत के लिए रुद्राक्ष:
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नेपाल मूल का 7 मुखी रुद्राक्ष इम्यूनिटी को सपोर्ट करता है। 7 मुखी रुद्राक्ष पहनने के नियमों के अनुसार, इसे तांबे के पात्र में रखे जल से अभिमंत्रित कर पहनना चाहिए।
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9 मुखी रुद्राक्ष तनाव को कम करता है।
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5 मुखी रुद्राक्ष ब्रेसलेट विद व्हाइट क्रिस्टल्स हीलिंग में मदद करता है।
आध्यात्मिक उन्नति के लिए:
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नेपाल मूल का 11 मुखी रुद्राक्ष मेडिटेशन में गहराई लाता है।
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12 मुखी रुद्राक्ष लीडरशिप क्वालिटी को मजबूत करता है।
- 13 मुखी रुद्राक्ष से समृद्धि और आशीर्वाद प्राप्त होता है।
रुद्राक्ष कौन नहीं पहन सकता?
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हर कोई रुद्राक्ष धारण नहीं कर सकता जब तक सही मार्गदर्शन न मिले।
जैसे कि – गर्भवती महिलाएं अपने पहले तीन महीनों में अगर कोई शक्तिशाली रुद्राक्ष, जैसे नेपाल मूल का निराकार रुद्राक्ष (0 मुखी), पहनना चाहें, तो पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी से सलाह जरूर लें।
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हमारा शरीर और स्वास्थ्य भी इस बात पर असर डालते हैं कि रुद्राक्ष हमारे लिए कैसे काम करेगा।
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जो लोग जल्दी गुस्सा हो जाते हैं या जिनका स्वभाव उग्र होता है, उन्हें तब तक उच्च ऊर्जा वाले रुद्राक्ष नहीं पहनने चाहिए जब तक वे शांत रहना न सीख लें। रुद्राक्ष पहनने के बाद क्या नहीं करना चाहिए – उसमें नकारात्मक भावनाएं जैसे गुस्सा भी शामिल हैं।
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जो लोग किसी नकारात्मक या हानिकारक काम में जुड़े होते हैं, उन्हें भी रुद्राक्ष से अच्छे परिणाम नहीं मिलते। इसलिए रुद्राक्ष पहनने के बाद के नियमों का पालन बहुत जरूरी है ताकि इसकी ऊर्जा बनी रहे।
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कुछ खास समयों पर, जैसे मासिक धर्म के दौरान, किसी की मृत्यु के बाद या जीवन में बड़े बदलाव के समय, रुद्राक्ष पहनना थोड़े समय के लिए रोक देना अच्छा होता है।
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14 साल से कम उम्र के बच्चों को केवल हल्के प्रकार के रुद्राक्ष पहनने चाहिए, जैसे 5 मुखी रुद्राक्ष कॉम्बो या एक सिंपल 5 मुखी रुद्राक्ष तुलसी ब्रेसलेट – वो भी बड़ों की देखरेख में। बच्चों के लिए भी पंचमुखी रुद्राक्ष पहनने के नियमों में शुद्धता और ध्यान आवश्यक बताया गया है।
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जिन लोगों को पेसमेकर लगा है या जिनकी दिल की बीमारी गंभीर है, उन्हें रुद्राक्ष पहनने से पहले डॉक्टर और ज्योतिषी दोनों से सलाह जरूर लेनी चाहिए।
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मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के लिए दवा ले रहे लोग भी रुद्राक्ष पहनने में सावधानी बरतें।
- ऑफिस में जहां ड्रेस कोड होता है, वहां छुपे हुए विकल्प बेहतर होते हैं, जैसे – रुद्राक्ष स्टेनलेस स्टील ब्रेसलेट या पुरुषों के लिए बना शिवा ब्रेसलेट।
रुद्राक्ष धारण करने से पहले उसे शुद्ध और ऊर्जा से भरपूर कैसे करें?
रुद्राक्ष को साफ करना जरूरी है ताकि उसके ऊपर चिपकी नकारात्मक ऊर्जा, जो ट्रांसपोर्ट या छूने के दौरान आ सकती है, हट सके। रुद्राक्ष कैसे धारण करें, इसके लिए सबसे पहले उसे शुद्ध करना और फिर मंत्रों के साथ पहनना आवश्यक है। सबसे पहले, रुद्राक्ष को साफ पानी से धीरे-धीरे धोएं और "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें। इससे रुद्राक्ष बाहर और भीतर से शुद्ध हो जाता है और सकारात्मक ऊर्जा को ग्रहण करने के लिए तैयार होता है।
रुद्राक्ष को ऊर्जा देने से उसकी आध्यात्मिक शक्ति जागृत होती है। इसके लिए उसे फूल, धूप और दीपक के साथ एक साफ पूजा स्थल पर रखें। फिर जो रुद्राक्ष आपने लिया है, उसके अनुसार सही मंत्रों का जाप करें। कुछ लोग पंडित या ज्योतिष से भी रुद्राक्ष की प्राण प्रतिष्ठा करवाते हैं ताकि उसका प्रभाव और भी बढ़ जाए।
अपने रुद्राक्ष की शक्ति बनाए रखने के लिए हर महीने उसे साफ करें। 6 मुखी रुद्राक्ष पहनने के नियमों में मासिक रूप से शुद्धिकरण जरूरी है। 7 मुखी रुद्राक्ष पहनने के नियमों के अनुसार, इसे नियमित रूप से गाय के दूध से धोकर पूजा स्थल में रखना लाभकारी होता है। अपनी असली रुद्राक्ष माला या पीले अवेंटुराइन और 5 मुखी रुद्राक्ष वाले ब्रेसलेट को मुलायम कपड़े से पोंछें। थोड़ा सा शुद्ध तिल का तेल भी लगा सकते हैं। फिर इसे सुबह की धूप और शाम की चाँदनी में रखें ताकि यह प्राकृतिक ऊर्जा से चार्ज हो सके।
हर रुद्राक्ष को अलग देखभाल चाहिए। जैसे नेपाल मूल का 10 मुखी रुद्राक्ष खास पूजा-पाठ मांगता है, जबकि 5 मुखी रुद्राक्ष वाला ब्रेसलेट साफ करना आसान होता है।
अपने रुद्राक्ष को लाल या सफेद सूती या रेशमी कपड़े में लपेटकर पूजा स्थल में रखें। रुद्राक्ष को कैसे पहने – यह जानने के लिए परंपरागत नियमों और आध्यात्मिक सलाह को मानना जरूरी है। एक मुखी रुद्राक्ष पहनने के नियमों में इसे हमेशा पूजा स्थल के पास रखना उचित माना गया है। आप इसे महीने में एक बार दूध या घी में भिगोकर तांबे के बर्तन में भी रख सकते हैं, इससे इसकी ऊर्जा बनी रहती है और रुद्राक्ष के दानों की रक्षा होती है। पंचमुखी रुद्राक्ष पहनने के नियमों के अनुसार, इसे नियमित रूप से ऊर्जा चार्ज करना भी आवश्यक है। इसे प्लास्टिक में या नकारात्मक ऊर्जा वाली जगह पर बिल्कुल न रखें।
निष्कर्ष
रुद्राक्ष को सही तरीके से पहनना आत्मिक विकास और जीवन में सफलता के लिए एक मजबूत सहारा बन सकता है। एक मुखी रुद्राक्ष पहनने के नियमों का पालन करके साधक गहन ध्यान और आत्मिक शक्ति प्राप्त कर सकते हैं। सही प्रकार चुनना, जैसे सिद्ध 5 मुखी रुद्राक्ष ब्रेसलेट, और इसे साफ-सुथरा रखना बहुत ज़रूरी है। जब आप इन पुराने और भरोसेमंद नियमों को अपनाते हैं, तो आपकी रुद्राक्ष यात्रा और भी शक्तिशाली हो जाती है।
आजकल कई लोग धन रुद्राक्ष ब्रेसलेट या सिद्ध ओम स्टेनलेस स्टील ब्रेसलेट जैसे विकल्प पसंद करते हैं, क्योंकि ये परंपरा और आधुनिकता दोनों को जोड़ते हैं। रुद्राक्ष को हमेशा श्रद्धा, अच्छे कर्मों और सही मार्गदर्शन के साथ पहनना चाहिए। रुद्राक्ष को कैसे पहने – यह जानकर आप इसके पूर्ण लाभ प्राप्त कर सकते हैं। रुद्राक्ष कैसे धारण करें, यह जानना हर पहनने वाले के लिए बेहद जरूरी है।
7 मुखी रुद्राक्ष पहनने के नियमों में यह भी आता है कि इसे पहनते समय ‘ॐ हुं नमः’ मंत्र का जप करना चाहिए। किसी अनुभवी ज्योतिषी से सलाह लेना आपको रुद्राक्ष साधना से श्रेष्ठ फल पाने में मदद कर सकता है। आप अपने उत्पाद हमेशा एस्ट्रोटॉक स्टोर में पा सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q: क्या रुद्राक्ष पहनने के कुछ नियम होते हैं?
A: हाँ, शारीरिक और मानसिक शुद्धता बनाए रखें, रुद्राक्ष की माला का आदर करें, और शराब पीने या अस्पताल जाने जैसे अपवित्र कामों के दौरान इसे न पहनें। साथ ही, नियमित जप और सही तरीके से माला को संभालकर रखना आपकी रुद्राक्ष साधना को और भी ज़्यादा प्रभावशाली बना देता है।
Q: क्या रुद्राक्ष पहनकर नहाया जा सकता है?
A: आप रुद्राक्ष को साधारण नहाने के दौरान साफ पानी के साथ पहन सकते हैं, लेकिन साबुन के संपर्क से बचें। जब आप गर्म तेल की मालिश या कोई तेज केमिकल इस्तेमाल कर रहे हों, तो रुद्राक्ष को उतार देना बेहतर होता है। इसके अलावा, रुद्राक्ष को हल्के साफ पानी से धोना उसकी ऊर्जा को बनाए रखने में मदद करता है।
Q: मैं अपने रुद्राक्ष को कैसे सक्रिय कर सकता हूँ?
A: साफ पानी से धोएं, फिर "ॐ नमः शिवाय" मंत्र को 108 बार जपें और फूल व धूप के साथ रुद्राक्ष को पूजा स्थान पर रखें। रुद्राक्ष कैसे धारण करें – इस प्रक्रिया में मंत्र जाप और ध्यान भी शामिल होता है। इसके अलावा, अगर रुद्राक्ष को किसी योग्य पंडित से अभिमंत्रित कराया जाए तो इसका प्रभाव और भी ज्यादा बढ़ जाता है। इसे नियमित श्रद्धा से पहनने से ऊर्जा का संबंध और मजबूत होता है।
Q: क्या रुद्राक्ष पहनकर शौचालय जा सकते हैं?
A: शौचालय का उपयोग करने से पहले रुद्राक्ष को उतार देना चाहिए ताकि उसकी पवित्रता और सम्मान बना रहे। यह भी रुद्राक्ष पहनने के बाद क्या नहीं करना चाहिए – की सूची में आता है। यह भी रुद्राक्ष पहनने के बाद के नियमों में शामिल है। ऐसा करने से उसकी सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और अशुद्धता नहीं लगती। साथ ही, इन नियमों का लगातार पालन करने से आध्यात्मिक लाभ भी बढ़ते हैं।
Q: परिवार में सौहार्द बनाए रखने के लिए कौन सा रुद्राक्ष सबसे अच्छा है?
A: नेपाल उत्पत्ति वाली गौरी शंकर रुद्राक्ष और 6 मुखी रुद्राक्ष पारिवारिक शांति और आपसी समझ बढ़ाने में बहुत अच्छे माने जाते हैं। ये रुद्राक्ष परिवार के सदस्यों के बीच संवाद को बेहतर बनाते हैं और प्यार भरे रिश्ते बनाने में मदद करते हैं। इसके अलावा, किसी ज्योतिषी से सलाह लेने से आपके परिवार की ज़रूरतों के अनुसार सबसे उपयुक्त विकल्प चुनने में मदद मिलती है।